Thursday, April 14, 2016

दरिया (Poetry)


Image Courtesy: imagesList.com


दरिया

दिल कि दरिया में 
डूबता हूँ मैं 
दिलकश नजा़रा यूँ आता है 
पल भर के लिऐ 
गुम हो जाता हूँ 
तुम में, मुझ में, खुदा में, 

खुलती है जब आँखें 
तो सूख जाती है यह दरिया
तुम भी, मैं भी, खुदा भी 
खो जाता हैं कहीं, 

यूं रहने दो मुझे 
जागा सारी उम्र 
कि ना डूबूँ 
फिर से ख्वाबों  के दरिया में 
तुम में, मुझ में, और खुदा में ।

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