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दरिया
दिल कि दरिया में
डूबता हूँ मैं
दिलकश नजा़रा यूँ आता है
पल भर के लिऐ
गुम हो जाता हूँ
तुम में, मुझ में, खुदा में,
खुलती है जब आँखें
तो सूख जाती है यह दरिया
तुम भी, मैं भी, खुदा भी
खो जाता हैं कहीं,
यूं रहने दो मुझे
जागा सारी उम्र
कि ना डूबूँ
फिर से ख्वाबों के दरिया में
तुम में, मुझ में, और खुदा में ।
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