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कश्तियाँ
कागज़ की कश्तियाँ
मैं अक्सर बनाता हूँ,
यह जानते हुए भी
कि इसका यूँ बना रहना
कितना मुश्किल है,
इन कश्तियों का गली के
बहते पानी में यूँ डूब जाना
मेरे लिए ताज्जुब की
बात नही है,
क्योंकि मेरे सपने भी
मेरे साथ अक्सर ऐसे ही
खेल खेला करते हैं I
(थोमस मैथ्युस)
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