मैं और तुम
मैं और तुम
एक ही सिक्के के
दो पहलु हैं,
मैं तुम्हे और तुम मुझे
अच्छी तरह जानते हो I
सिर्फ फर्क इतना है कि
हम दो दिशा में देखते हैं,
लोग तुम्हे चित्त
तो मुझे पट कहते हैं I
न तुम, न मैं
रह सकते एक दूजे के बगैर,
हम में से एक नहीं
तो ज़िन्दगी खोटा हो जाता हैं I
यहाँ तक कि लोग करते है
अपनी ज़िन्दगी के अहम फैसले
हमें उछालकर,
कभी चित्त तो कभी पट पर
लगती है बाजी,
तुम जीते या मैं,
ज़िन्दगी के फैसले हम करते हैं I
लोगों की हथेलियों से कई जेबों तक
और लोगों के जेबों से कई हथेलियों तक के सफर
हम ने साथ-साथ तय किया है,
कितनों ने किया इस्तेमाल
और कितनों ने उछाला,
हम ने चूँ तक नहीं बोला I
बस मेरे दोस्त बस
अब हमें एक ही दिशा में देखना है,
हमें दूसरों की नहीं
अब हमारी ज़िन्दगी के फैसले
करने हैं I
मैं और तुम
एक ही सिक्के के
दो पहेलु हैं,
मैं तुम्हे और तुम मुझे
अच्छी तरह जानते हो I
(थोमस मैथ्युस)
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